यज्ञ प्रशिक्षण

yagya

गुरुकुल का सबसे मुख्य अंग यज्ञ है यज्ञ के द्वारा ही गुरु जी ब्रह्मचारीयों को संस्कार देते है यज्ञ शब्द के तीन अर्थ हैं - 1. देवपूजा, 2. दान, 3. संगतिकरण। संगतिकरण का अर्थ है - संगठन। यज्ञ का एक प्रमुख उद्देश्य धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को सत्प्रयोजन के लिए संगठित करना भी है। यज्ञ से ही मानव का आत्मिक उत्थान होता है।

आर्य गुरुकुल तिहाड़ ग्राम में प्रात: और सायं दोनों समय यज्ञ होता है जिसमें गुरुकुल का आचार्य विद्यार्थीयों को यज्ञ का प्रशिक्षण देते है और यज्ञ की प्रत्येक विधियों पर प्रकाश डालने एवं साथ ही साथ उदाहरण के द्वारा भी यज्ञ की विधियों को समझते है ताकि वे आसानी से समझ में आ जाए। सभी ब्रह्मचारी एक रूपता के साथ यज्ञ करते है। यज्ञ में कितनी मात्रा में समिधा, घी और सामग्री होनी चाहिए ये सब विद्यार्थीयों को सीखाया जाता है

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