आर्य गुरुकुल में बच्चों की चिकित्सा

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आर्य गुरुकुल में बच्चों की चिकित्सा व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। सर्वप्रथम तो गुरुकुल के अन्दर ही एक मेडिकल रूम बनाया गया है। अगर गुरुकुल का कोई बच्चा रोगी होता है तो उस बच्चें को अन्य बच्चों से अलग करके मेडिकल रूम में रखा जाता है और वही पर उस बच्चे का उपचार किया जाता है। समय पर रोगी हुए बच्चे को दवाई, भोजन, और उसकी देख भाल की जाती है। ज्यादा बीमार होने पर बच्चे को प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया जाता है।

सबसे पहले तो इसी बात का ध्यान रखा जाता है कि गुरुकुल का कोई भी विद्यार्थी रोगी न हो। उसके लिए प्रतिदिन गुरुकुल के आचार्य प्रात: 4 बजे बच्चों को नींद से जगाकर योग, आसन, प्राणायाम, दण्ड, बैठक इत्यादि के अभ्यास कराते हैं।

आर्य गुरुकुल तिहाड़ ग्राम में विद्यार्थियों के रोगी होने पर उचित उपचार कराया जाता हैं

योग में भी हमारे शरीर की प्रकृति के अनुसार व्यक्तिगत आहार का प्रावधान है। एक हीं खाद्य पदार्थ किसी के लिए अनुकूल हो सकता है और किसी के लिए हानिकारक हो सकता है, यह व्यक्ति विशेष की प्रकृति पर निर्भर करता है। यह एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करके फैसला करना चाहिए की किस प्रकार का भोजन आप के लिए आवश्यक है और हमें किस प्रकार के भोजन से बचना चाहिए। हमें निश्चित रूप से गुरुकुल में बच्चों के लिए आहार पर ध्यान दिया जाता हैं। और रात्रि में सोने से पहले बच्चों को पीने के लिए दूध दिया जाता है।

निम्न बिंदु गुरुकुल में भोजन की व्यवस्था के लिए बहुत ही महत्व प्रदान करते हैं।

  1. 1.सात्विक भोजन वह है जो शरीर को शुद्ध करता है और मन को शांति प्रदान करता है।
  2. 2.गुरुकुल में पकाया हुआ भोजन 1 से 2 घंटे के भीतर बच्चों को सेवन करा दिया जाता है।
  3. 3.गुरुकुल में ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बादाम आदि, अनाज और ताजा दूध इत्यादि का सेवन बच्चों को कराया जाता है ये आहार शरीर और मस्तिष्क को कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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