आर्य गुरुकुल में बच्चों की शिक्षा

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गुरुकुल का अर्थ है वह स्थान या क्षेत्र, जहां गुरु का कुल यानी परिवार निवास करता है। प्राचीन काल से ही शिक्षक को ही गुरु या आचार्य मानते है और वहां शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उसका परिवार माना जाता हैं। आर्य गुरुकुल तिहाड़ ग्राम में 5 से 8 वर्ष तक के बच्चों को प्रवेश कराया जाता हैं। और कक्षा 12वीं तक विद्यार्थीं यहां रहकर शिक्षा प्राप्त करते हैं और ब्रह्मचर्य का पालन भी करते है।

दुनिया बदलने के लिए शिक्षा सबसे मजबूत हथियार है। समय और बदलते जमाने के साथ शिक्षा का स्वरूप भी बदला है। शिक्षा की एक ऐसी ही प्राचीन प्रणाली जो दुनिया के पूर्वी हिस्से से शुरू हुई और आज भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है वो है गुरुकुल शिक्षा प्रणाली।

गुरुकुल शिक्षा प्रणाली रेजिडेंशियल (residential) शिक्षा प्रणाली का रूप है जहां विद्यार्थी आचार्य के घर यानी गुरुकुल में रहते हैं इस शिक्षा प्रणाली का आधार अनुशासन और मेहनत है छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वो अपने गुरुओं से सीखें और इस जानकारी को जीवन में प्रयोग भी करें। इसमें विद्यार्थी और आचार्य का रिश्ता बहुत पवित्र होता है। हालांकि विद्यार्थियों द्वारा अपने गुरुओं को उनके सहयोग के लिए गुरुदक्षिणा अवश्य दी जाती हैं। जब किसी भी तरह की शिक्षा प्रणाली नहीं हुआ करती थी तब गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की शुरुआत वैदिक काल में हुई।

गुरुकुल शिक्षा प्रणाली अपने कार्यों, अनुशासन, संस्कृत ज्ञान, योग, यज्ञ के चलते वर्षों से दुनिया को प्रेरित कर रही है। निम्न बिंदु गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के लिए बहुत ही महत्व प्रदान करते हैं।

गुरुकुल शिक्षा प्रणाली अपने कार्यों, अनुशासन, संस्कृत ज्ञान, योग, यज्ञ के चलते वर्षों से दुनिया को प्रेरित कर रही है।

निम्न बिंदु गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के लिए बहुत ही महत्व प्रदान करते हैं।

  1. 1.गुरुकुल शिक्षा प्रणाली संस्कृति और धर्म से प्रभावित है जो प्राचीन भारतीय समाज के लिए बहुत ही अहम तत्व है।
  2. 2.प्रोफेशनल, सोशल, धार्मिक और अध्यात्मिक शिक्षा पर फोकस करते हुए इसमें समग्र शिक्षा पर जोर दिया जाता है।
  3. 3.गुरुकुल में चुने जाने का आधार बच्चों का ऐटिट्यूड यानी व्यवहार और मॉरल स्ट्रैंथ यानी नैतिक मजबूती हैं जो छात्रों के आचरण में नजर आती हैं।
  4. 4.कला, साहित्य, शास्त्र और दर्शन की जानकारी के साथ छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान भी सिखाए जाते हैं और उन्हें अलग-अलग कार्यों के लिए तैयार किया जाता है।
  5. 5.गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से छात्र का पूरी तरह से विकास होता है।
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